top of page
Writer's pictureKishori Raman

"अंतरात्मा की आवाज"

Updated: Mar 24, 2022



भगवान बुद्ध अपने शिष्यों को कहानी के माध्यम से भी शिक्षा दिया करते थे। एक बार बुद्ध ने शिष्यों को अंतरात्मा की ब्याख्या करते हुए एक कथा सुनाई।


किसी नगर में एक साधु रहता था। उसके चेहरे पर हर समय प्रसन्नता छाई रहती थी। उसके जीवन मे आनन्द का साम्राज्य था। लोग अपनी अपनी समस्याएं लेकर साधु के पास आते थे और संतुष्ट होकर वहाँ से जाते थे। एक दिन एक सेठ साधु के पास आया और उन्हें प्रणाम करते हुए बोला- महाराज, मेरे पास किसी चीज की कमी नहीं है। धन-दौलत, बाल-बच्चे सब कुछ है फिर भी मेरा मन बड़ा अशांत रहता है। मैं क्या करूँ ? साधु ने सेठ को कोई जवाब नहीं दिया बल्कि चुपचाप बैठा रहा। फिर साधु उठकर वहाँ से चल दिया। सेठ भी उसके पीछे पीछे चल दिया।


अपने आश्रम में पहुँच कर साधु ने कोने में एक अलाव जलाई और एक-एक कर लकड़ियां उसमें डालता रहा। आग तेज होती रही। कुछ देर के बाद वह सेठ की ओर देखे बिना वहाँ से उठ खड़ा हुआ। सेठ को बहुत हैरानी हुई। वह तो अपना दुख लेकर साधु के पास आया था। साधु अपने काम में लगा रहा और अब वह उससे कुछ कहे बगैर वहाँ से जा रहा था। सेठ ने आगे बढ़कर कहा, स्वामी जी, मैं बड़ी आशा लेकर आपकी सेवा में आया हूँ। मुझे कुछ रास्ता तो बताइए।


साधु बहुत जोर से हँसे और बोले- अरे मूर्ख, मैं इतनी देर से कर क्या रहा था ? तुम्हें रास्ता ही तो बता रहा था। देखो हर आदमी के अंदर एक आग होती है। अगर उसमे प्यार की आहुति दो तो आनंद देती है। घृणा की आहुति दो तो वह जलाती है। तुम तो अपने आग में रात दिन काम,क्रोध , लोभ, मोह, मद की लकड़िया डाल रहे हो। भला जो अशांति का बीज बोएगा वो शांति का फल कैसे पाएगा ? तू अपने अंतरात्मा को टटोल। सुख और दुख बाहर नहीं बल्कि तेरे भीतर ही है।


साधु की उपरोक्त बातें सुनकर सेठ की आँखे खुल गई। अब उसे नया रास्ता मिल गया था। उसने साधु की बातों पर अमल किया जिससे उसका जीवन नई दिशा में मुड़ गया।


किशोरी रमण



BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE


If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments.


Please follow the blog on social media.link are on contact us page.






157 views2 comments

2 Comments


Unknown member
Apr 08, 2022

very nice story....

Like

verma.vkv
verma.vkv
Mar 24, 2022

अच्छी कहानी, सुंदर उपदेश ।

Like
Post: Blog2_Post
bottom of page