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Writer's pictureKishori Raman

बाप बेटे का रिश्ता

बेटा  ज्यों ज्यों  बड़ा होता है

अपने पैरो पर खड़ा होता है

बाप  की हिदायतें खलती है

बेटे  की शिकायतें  बढ़ती है


बेटे  की  गलतियों  पर बाप

कभी  उसे  डांट  भी देता है

पर  जब  दुख आता  है  तो

वह दुखों  को  बांट  लेता है


बाप  बेटे की  ख्वाहिशों को

आंखो  में   लिए  चलता  है

वह  कष्ट झेलता है फिर भी

चेहरे पर  खुशी झलकता है


बाप  बेटे की जीत  के लिए

अपने  सपनो  को मारता है

बेटा  जीत  जाए  इसी लिए

अपना सब  कुछ  हारता है


यह रिश्ता  कुछ अजीब है

इसे आप जांच नही सकते

इसे  महसूस  कर सकते है

यन्त्र  से  माप  नही  सकते


बाप  प्यार  करता है बेटे से

पर वह कभी कहता नही है

जबतक समझ पाता है बेटा

बाप दुनिया में रहता नही है



किशोरी रमण



आप सब खुश रहें, स्वस्थ रहें और मस्त रहें

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2 Comments


verma.vkv
verma.vkv
Oct 16

वाह, सही लिखा है।

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verma.vkv
verma.vkv
Oct 11

सुंदर रचना |

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