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मां, ओ मेरी मां

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Jan 8, 2024
  • 1 min read




इस  जिंदगी  में  तेरी कमी मुझे  सताती है

लौट आओ मेरी मां  मुझे तेरी याद आती है

आज  जो भी हैं हम सब तेरे ही बदौलत हैं

आशीर्वाद आपका मां हमे रास्ता दिखाती है


आपकी ऊंगली पकड़ हमने चलना सीखा था

आपकी  ममता  ने मेरे  बचपन  को सींचा था

मुसीबत आईतो तुम चट्टान की तरह  खड़ी रही

जब  हम  रोए तो हमे अपने बाहों में भींचा था


सब कुछ मिला जिंदगी में  कोई कमी नही है

कमी है तो बस इतना कि मेरे पास तू नही है

इस लायक तूने मुझको बनाया है मेरी माता

कि खुद समझ सकूं, क्या गलत क्या सही है


अब किससे हम रूठेगें,अब कौन हमे मनाएगा

नींद  नहीं आयेगी  तो हमे लोरी कौन सुनाएगा

तू नही तो कुछभी नही अब लौट आओ मेरी मां

इस बेरहम  दुनियां से अब कौन मुझे  बचाएगा




किशोरी रमण


मां की पुण्य तिथि पर मां को समर्पित कविता। मां को नमन एवम श्रद्धांजलि।



BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE


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3 Comments


Unknown member
Apr 11, 2024

Very nice.

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VIJAY VERMA
VIJAY VERMA
Jan 09, 2024

शत शत नमन।

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kumarprabhanshu66
kumarprabhanshu66
Jan 08, 2024

शत शत नमन 🙏

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