9 जनवरी
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।
हमारे देश मे अनेक ऐसी बिभूतियाँ हुई है जिन्होंने अपना सारा जीवन समाज के दबे, कुचले और शोषितों के लिए अर्पित कर दिया पर इतिहास ने उन्हें वो उचित सम्मान नही दिया जिसके वे हकदार थे।
इसी संदर्भ में आज हम चर्चा करते हैं एक ऐसे नायिका की जिन्हें भारत की प्रथम मुस्लिम शिक्षिका होने का गौरव प्राप्त है। वो नायिका हैं माता फ़तिमा शेख। राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और माता सावित्री बाई फुले की अनन्य सहयोगी जिन्होंने उनके साथ कंधा से कंधा मिलाकर बालिकाओं में शिक्षा की ज्योति जलाने में उनका तन, मन और धन से साथ दिया।
जब ज्योतिबा फुले को उनके माता पिता तथा रिश्तेदारों ने घर से निकाल दिया और स्कूल खोलने के लिए कोई भी जगह देने को तैयार नही हुआ तब माता फ़ातिमा ने न शिर्फ़ उन्हें अपने घर मे शरण दी बल्कि स्कूल खोलने के लिए जगह भी दी।
माता फ़ातिमा ने आज से तकरीबन 175 साल पहले समाज के दबे कुचले और खासकर स्त्रियों के तालीम के लिए साबित्री बाई फुले के साथ काम किया। जनवरी सन 1948 में पुणे के बुधवार पेठ में बालिकाओं के लिए पहला स्कूल खोला गया जहाँ साबित्री बाई फुले के साथ फ़ातिमा शेख भी पढ़ाती थी।
जिस तरह से दलितों, वंचितों एवं मुस्लिम स्त्रिओं को तालीम दिलाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के कारण फुले दंपति को समाज के रूढ़िवादियों द्वारा काफी प्रताड़ित किया जाता था उससे फ़ातिमा शेख भी अछूती नही थी। फिर भी वो अपने निर्णय पर अडिग रहीं। उन दोनों ने मिल कर उन दलित तथा मुस्लिम महिलाओं को पढ़ाना शुरू किया जिनको धर्म और लिंग के आधार पर शिक्षा से वंचित रखा जाता था। साबित्री बाई फुले को फ़ातिमा शेख पर बहुत भरोसा था। उनकी अनुपस्थिति में स्कूल का सारा काम माता फ़ातिमा ही देखती थी। दोनो ने साथ मिलाकर कुल 5 विद्यालयों की स्थापना की।
माता फ़ातिमा शेख का जन्म 9 जनवरी 1831 को पुणे में हुआ था। वह मियाँ उस्मान शेख की बहन थी। फ़ातिमा शेख की मुलाक़ात सावित्री बाई फुले से एक टीचर ट्रेनिंग संस्थान में हुआ था। दोनो एक दूसरे के विचारों से काफी प्रभावित हुए और मिलजुलकर समाज मे महिलाओं को शिक्षित करने का संकल्प लिया।
माता फ़ातिमा शेख़ के ब्यक्तिगत जिंदगी के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नही है। जो भी जानकारी उपलब्ध है वो सावित्री बाई फुले के पत्रों और ज्योतिबा फुले के साहित्य और लेखन में है।
पर्दे की पीछे रह कर इतना महान काम करने वाली फ़ातिमा शेख के जन्मदिन पर पिछले साल गूगल ने भी डूडल बना कर उन्हें सम्मानित किया था। आईये, हम सब भी उनके जन्मदिन पर बालिकाओं की शिक्षा में उनके योगदान को याद कर उन्हें नमन करे और उनका आभार जताएं।
किशोरी रमण
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जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।