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Writer's pictureKishori Raman

मुस्कुराना सीख लिया हैं

Updated: Jan 20


हमारी तो  जिन्दगी गुजर जाती है इंतजार में

पर हमे कभी  मनचाहा किरदार नही मिलता

शोहरत और दौलत तो हमे  मिल भी जाते हैं

पर सच्चा दोस्त और सच्चा प्यार नही मिलता


हमे पता ही नहीं होता और हमारी ख्वाहिशे

बारिश  की  बूंदों  की  तरह  बरस  जाती है

हथेली  तो बेशक हमारे भींग  जाते हैं मगर

हमारी आत्मा  बूंद  बूंद  को  तरस जाती है


हसरतें पाल लेते हैं हम किसी के मुस्कुराने से

बसंत आया मानते हैं फूलोंके खिलखिलाने से

पर  अपने  दिल की बात  कभी सुनते ही नहीं

और नाहक  उलझते हैं  किसी के उलझाने से


खुद के झूठ से रूबरू होना मैने सिख लिया है

अपने अलग होने के एहसास को खूब जिया हैं

छोड़  आया अपने गुरूर को पिछले चौराहे पर

अब  हर हाल में मैंने  मुस्कुराना सीख लिया हैं



किशोरी रमण




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135 views4 comments

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4 commentaires


Membre inconnu
11 avr.

Very nice👍

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VIJAY VERMA
VIJAY VERMA
12 janv.

वाह, बहुत सुंदर कविता, हृदयस्पर्शी ।

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Sursen Roy
Sursen Roy
11 janv.

बहुत सुंदर और मार्मिक रचना

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Nagendra P Singh
Nagendra P Singh
11 janv.

सुंदर किशोरी रमन


डा नागेंद्र बधाई नव

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