top of page

लघुकथा"इसीलिए मैं खुश हूं"

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Sep 22, 2023
  • 1 min read

एक गांव में एक बूढ़ा आदमी रहता था। वह अपने आप को दुनियां का सबसे दुखी व्यक्ति समझता था। वह हमेशा क्रोध से भरा हुआ और चिड़चिड़ा रहता। उसे सबसे शिकायत रहती। बढ़ती उम्र के साथ उसके शब्द और भी जहरीले हो चले थे। पूरा गांव उससे दूर रहता था क्योंकि वह दूसरो में भी नकारात्मकता और उदासी फैला देता था। एक दिन एक खबर आग की तरह फैली। उस दिन उस बूढ़े व्यक्ति का पचहत्तरवा जन्मदिन था। खबर ये फैली कि बूढ़ा आदमी खुश है। आज वह कोई शिक़ायत नही कर रहा। आज वो मुस्कुरा रहा है। आज तो उसका रंग रूप, चाल ढाल सब बदला बदला लग रहा है। गांववालो को खबर पर विश्वास नहीं हो रहा था। भला ऐसा कैसे हो सकता है। सारा गांव उसके घर के पास इकट्ठा हो गया। लोगो ने उससे पूछा, क्या रहस्य है ? क्या हुआ है आपको ? बूढ़े ने कहा, कुछ भी तो नहीं। मैने अपने जीवन के पचहत्तर सालो तक अपने को खुश रखने की कोशिश की पर खुश नहीं रह सका। इसलिए जब लाख कोशिश के बाद भी मैं अपने आप को खुश नहीं रख सका तो मैने सोचा कि अब बहुत हो गया। मेरे पचहत्तर साल इसी प्रयास में बर्बाद हो गए। अब मैं खुशी के बिना ही काम चला लूंगा। इसीलिए मैं खुश हूं। किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com


3 comentários


Membro desconhecido
11 de abr. de 2024

Very nice👍.

Curtir

verma.vkv
verma.vkv
23 de set. de 2023

बहुत सुंदर और प्रेरणा दायक कहानी।

Curtir

Membro desconhecido
23 de set. de 2023

Very nice story..

Curtir
Post: Blog2_Post

Subscribe Form

Thanks for submitting!

Contact:

+91 7903482571

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn

©2021 by मेरी रचनाये. Proudly created with Wix.com

bottom of page